किर्चियाँ अभिनव भास्कर की पहली ग़ज़ल-संग्रह है। अपने जीवन में लोगों और परिस्थितियों से जुड़ कर उनकी समस्याएं और उनके कौशल साथ ही अनेकानेक पहलुओं का अध्ययन कर जो निष्कर्ष निकाला उसे अपने करीबी लोगों तक पहुँचाने के लिय ग़ज़ल और नज़्मों का सहारा लिया। किर्चियाँ का उद्देश्य यही है कि वो साहित्य की छ्रेष्ठता को लोगों तक पहुँचाए और ज़ादीदियत के दौर में ग़ज़ल का लिबास खुरदुरा होने के बावजूद रवायती ग़ज़ल का दामन थाम कर चलने वाले शोअराओं के सामने अपने अशआरों को रखे ।उम्मीद है इनका ये प्रयास आपको पसंद आएगा।
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बिहार की राजधानी पटना में 1998 में जन्मे अभिनव भास्कर का साहित्य में ये पहला प्रयास है। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दीएवी पब्लिक स्कूल हेहल राँची से की तथा KIIT भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग किया। कॉलेज में साहित्य में इनकी अभिरुचि और कार्य की सराहना करते हुए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। कॉलेज के साहित्यिक संस्थानों में रहकर इन्होंने ग़ज़ल लेखन और साहित्य के अलग अलग पहलुओं पर ओडिशा के कई शहरों में कार्यशालाओं का आयोजन भी किया।
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