शहर -ए- जज्बात इस किताब में लेखक राकेश शर्मा ने शायरियां लिखी हुई है वैसे तो अब तक की उनकी जितनी भी किताबें प्रकाशित हुई हैं उसमें वह लोगों को प्रेरित ही किए हैं क्योंकि वह एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं इस बार उन्होंने कुछ अलग हटके लिखा है
कुछ बातें कुछ यादें कुछ अनकहे अल्फाज जैसी शायरियां उन्होंने इसमें लिखी हैं आशा है आप सबको पसंद आएगी यह जरूरी नहीं है कि जो इंसान जैसा दिखता हो अंदर से वैसा ही हो हर इंसान के अंदर दर्द होता है कागज कलम तो है ही लिखने के लिए तो लोग अपने जख्मों को अपने उस दर्द को उसके उतार देतें है
Laxmi singh –
Very very nice 👏👍👏