अवनीश शायद ही एक गरीब किसान हो, पर उसे अपनी मर्यादा सबसे ज्यादा प्रिय है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण, अवनीश मजबूरी में गाव के जमींदार से उधार लेता है। पर कितना भी मजदूरी वो करले, उस उधारी को उतारना उसको बहत भारी परती है। जीवन में कष्ट सहना और मर्यादा की रक्षा करना उसके लिए समर्थक होने लगता हैं। किंतु इसकी परिणति क्या हुई? उसकी मर्यादा की रक्षा हुई या नहीं?
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